जीपीसीबी ने हलफनामे में माना कि साबरमती नदी में प्रदूषण कम नहीं हुआ है
अहमदाबाद: गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाई कोर्ट में माना है कि साबरमती नदी में अब भी प्रदूषित पानी छोड़ा जा रहा है। जीपीसीबी की ओर से पेश हलफनामे में माना गया है कि अभी तक नदी के पानी में एसटीपी के नियमों के मुताबिक प्रदूषण की मात्रा कम नहीं हो पाई है। जीपीसीबी ने अहमदाबाद में सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट और तीन कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेन्ट प्लान्ट की समीक्षा की, जिसमें जीपीसीबी ने माना है कि डिस्चार्ज किया जाने वाला पानी मानकों के अनुरूप नहीं है।
जीपीसीबी ने माना है कि ट्रीटमेंट प्लांट से साबरमती नदी में छोड़ा गया पानी रंग, टीडीएस और एफडीएस के मानकों पर खरा नहीं उतरता है। इसके अलावा जीपीसीबी को ट्रीटमेंट प्लांट के लिए आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक कनेक्शन भी मिले हैं। जीपीसीबी ने अपने हलफनामे में कहा है कि बोर्ड केवल औद्योगिक कनेक्शनों के खिलाफ ही कार्रवाई कर सकता है। बोर्ड को अवैध आवासीय और वाणिज्यिक कनेक्शनों के खिलाफ कार्रवाई करने में अनुत्तरदायी पाया गया।
गौरतलब है कि साल 2021 में औद्योगिक इकाइयों द्वारा साबरमती नदी में प्रदूषित पानी छोड़े जाने को लेकर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका दायर की थी. इसके बाद, सितंबर 2021 में पर्यावरण विशेषज्ञों की एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया गया था।
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