M/S. DCW द्वारा घुड़खर अभ्यारण्य में फैलाये जा रहे प्रदूषण पर जीपीसीबी क्यों नहीं कर रही सख्त कार्यवाही?

  • संरक्षित घुड़खर अभ्यारण्य प्रदूषण के कारण असुरक्षित
  • M/S. DCW के विरूद्ध जीपीसीबी क्यों नहीं कर रही है सख्त कार्यवाही?
  • M/S. DCW वर्षों से घुड़खर अभ्यारण को प्रदूषित कर रहा है
  • धांग्रधा की M/S. DCW कंपनी की निगरानी जिला स्तरीय कमेटी करेगी, रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी जाएगी

सुरेन्द्रनगरः समूचे देश में जहां घुड़खर की आबादी हो ऐसा देश का एकमात्र राज्य गुजरात है। इसके संरक्षण के लिए कच्छ के छोटे रण (एलआरके) में एक अभ्यारण्य भी है। लेकिन यह घुड़खर अब यहां भी सुरक्षित नहीं है ऐसा प्रतीत हो रहा है। इस अभ्यारण्य के अंदर अतिक्रमण की खबर 03.01.2023 को टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित हुई थी। इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा सुओ मोटो एक्शन लेने में आया। जंगली गधे, जिन्हें घुड़खर के नाम से जाना जाता है, वह कच्छ के इस छोटे रण में पाए जाते हैं। इस क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन भी घोषित किया गया है।

घुड़खर की हालिया स्थिति पर प्रकाश डाले तो यह प्राणी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत एक संरक्षित जानवर है। ऐसे में एनजीटी की ओर से इस संबंध में एक कमेटी का गठन किया गया और इस पर रिपोर्ट सबमिट करने को कहा गया। जिसके बाद कमेटी की ओर से रिपोर्ट सबमिट की गई। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सोडा एस प्लांट, मेसर्स डीसीडब्ल्यू वर्तमान में कच्छ के छोटे रण (एलआरके) में प्लांट के अल्काइन वेस्ट वोटर का निकाल करती है, जो एक प्रतिबंधित क्षेत्र है। समिति के संज्ञान में आया कि ट्रीटेड वेस्ट वोटर निर्धारित क्षेत्र से बाहर जा रहा था। यह बात संज्ञान में आने के बाद संबंधित निरीक्षण के आधार पर जीपीसीबी, गांधीनगर की हेड ऑफिस की ओर से कंपनी के खिलाफ 30 दिनों के प्रभाव से नोटिस भी जारी किया गया।

एनजीटी ने 13 फरवरी, 2024 को इस मामले की सुनवाई हाथ धरी, जिसमे एनजीटी के द्वारा मेसर्स डीसीडब्ल्यू के बारे में अवलोकन किया गया है कि संयुक्त समिति द्वारा अनुमोदित अंतिम डिस्चार्ज प्वांईंट से मेसर्स डीसीडब्ल्यू लिमिटेड द्वारा छोड़े गए ट्रीटेट एफ्लुएंट के सेंपल में एनालिसिस रिपोर्ट के अनुसार पीएच 9.76 और टोटल डिजोल्ड सॉलिड की मात्रा 3,64,380 मिलीग्राम प्रति लीटर पाई गई, जो कि जीपीसीबी द्वारा अनुमोदित सीमा से बहुत अधिक है। इसके बावजूद भी, जीपीसीबी द्वारा मेसर्स डीसीडब्ल्यू के खिलाफ की गई कार्रवाई का खुलासा नहीं किया गया। वाइल्ड लाईफ एन्ड फोरेस्ट ओफिस, धांग्रध्रा के रेंज ऑफिसर ने अपने पत्र दिनांक 18.05.2023 के माध्यम से मेसर्स डीसीडब्ल्यू लिमिटेड को प्रतिबंधित घुड़खर अभ्यारण्य में अपने प्रदूषित जल के निर्वहन को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया, लेकिन इस आदेश का अनुपालन किया गया या नहीं उसकी स्पष्टता नहीं कि गई।

नामदार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में संयुक्त समिति को साइट का दौरा करने, उनकी वर्तमान स्थिति और यदि नियमों का उल्लंघन किया जा रहा हो तो उनके खिलाफ की गई कार्यवाही के साथ चार सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा।

चूंकि जीपीसीबी के सदस्य सचिव ने पहले इस क्षेत्र के यूनिट हेड के रूप में वर्षों तक काम किया है, इसलिए उन्हें मेसर्स डीसीडब्ल्यू लिमिटेड के बारे में छोटे से छोटी जानकारी होगी, लेकिन जीपीसीबी द्वारा मेसर्स डीसीडब्ल्यू के खिलाफ कोई सख्त कार्यावाही न होने के कारण यह चर्चा का विषय बन गया है। अब देखना यह है कि नामदार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद जीपीसीबी कोई सख्त कदम उठाती है या नहीं।

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