बागेश्वर में खड़िया खनन के मामले में डीएम से रिपोर्ट तलब
नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बागेश्वर जिले के कपकोट में नियमों को ताक पर हो रहे खड़िया खनन के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को जिला अधिकारी (डीएम) एवं प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) से तीन सप्ताह के अंदर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
न्याय मित्र अधिवक्ता (कोर्ट कमिश्नर) की ओर से आज इस मामले में अदालत में रिपोर्ट में सौंपी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि खनन कारोबारियों ने नियमों का उल्लंघन कर निर्धारित मात्रा से अधिक खनन किया है और इसके लिए भारी मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। इससे पहाड़ों को खतरा उत्पन्न हो सकता है।
खनन के लिए भारी मशीनों का उपयोग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की नियमावली के विरुद्ध है। इसके बाद अदालत ने डीएम एवं डीएफओ से इस मामले में जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दे दिए।
मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी हीरा सिंह पपोला ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि बागेश्वर के कपकोट स्थित रिमाघाटी, गुलमप्रगढ़ व भीयूँ गाँव में सरकार द्वारा खड़िया खनन के लिए पट्टा आवंटित किया गया है जिसमें पट्टा धारकों द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक खनन किया जा रहा है।
यही नहीं खनिज के परिवहन के लिए वन भूमि में अवैध रूप से सड़क निर्माण भी कर दी गई।अंधाधुंध खनन के चलते गाँवों के संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जलस्रोतों को नुक़सान हो रहा है।