देश में वर्तमान सीजन में बारिश और बुवाई की प्रगति कुल मिलाकर अच्छी, लेकिन अब चिंता अतिवृष्टि की

नयी दिल्ली:  बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री सोनल बधान ने कहा है कि देश में वर्तमान सीजन में बारिश और बुवाई की प्रगति कुल मिलाकर अच्छी है, लेकिन अब चिंता अतिवृष्टि की हो गयी है क्योंकि उससे फसलों के नष्ट होने का संकट उत्पन्न होता है। देश के दक्षिण प्रायद्वीप और मध्य भागों में वर्षा औसत से 17-18 प्रतिशत अधिक चल रही है।

सोनल बधान ने मानसून और फसल बुआई की प्रगति का विश्लेषण कहा है कि अब तक “वर्षा और बुआई दोनों ही दृष्टिकोण से स्थिति अच्छी लग रही है। जैसे-जैसे बुआई और मानसून समाप्ति के करीब आ रहा है, अब ध्यान कटाई के मौसम की ओर जाएगा। अधिक/अत्यधिक वर्षा फसलों के लिए हानिकारक हो सकती है।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार 27 अगस्त तक वर्षा दीर्घकालिक औसत (एलपीए) से सात प्रतिशत अधिक है। अगस्त के अंत में वर्षा तेज हुई है और 21 से 27 अगस्त के बीच संचयी वर्षा 73.8 मिमी रही है। इससे पहले 13 से 20 अगस्त के बीच 48.9 मिमी बारिश हुई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक जून से 27 अगस्त 2024 के बीच, देश के कुल कृषि-जलवायविक 36 उप-विभागों में से 31 (देश का 84 प्रतिशत) में अब तक सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। इस साल अब तक आठ राज्यों में कम बारिश हुई है।

विश्लेषण के मुताबिक दक्षिणी प्रायद्वीप में वर्षा 18 प्रतिशत तथा मध्य क्षेत्र में 17 अत्यधिक बारिश हुई है। इसके विपरीत, पूर्व और उत्तर पूर्व क्षेत्र में वर्षा औसत से 11 प्रतिशत कम है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य से अधिक वर्षा के कारण, दलहन, धान, तिलहन, गन्ना और मोटे अनाज के अधिक रकबे के साथ कुल बुवाई/रोपाई का रकबा पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 1.9 प्रतिशत अधिक है। नवीनतम डेटा से पता चलता है कि पिछले वर्ष के सामान्य क्षेत्र की तुलना में, इस वर्ष अब तक लगभग 97 प्रतिशत बुवाई पूरी हो चुकी है। जैसे-जैसे बुवाई और मानसून समाप्ति के करीब आ रहे हैं, अब ध्यान कटाई के मौसम की ओर जाएगा।

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