चित्तौड़गढ़: कारखाने में अवैध जल दोहन रोकने को उच्च स्तरीय कमेटी गठित

चित्तौड़गढ़:  राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित एक कारखाने के लिए बड़े पैमाने पर जल दोहन करने की शिकायतें मिलने के बाद जिला कलेक्टर ने उच्च अधिकारियों की एक कमेटी गठित कर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।

प्राप्त जानकारी अनुसार चित्तौड़गढ़ एवं बस्सी तहसील में कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से नलकूप खोदकर हिंदुस्तान जिंक में पानी सप्लाई करने की जानकारी मिलने के बाद जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने उपखंड अधिकारी बीनू देवल की अध्यक्षता में 11 अधिकारियों की कमेटी गठित कर इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।

कमेटी में देवल के अलावा जिला परिवहन अधिकारी, अधिशाषी अभियंता जन स्वास्थ्य विभाग व जल संसाधन विभाग, वरिष्ठ भू जल वैज्ञानिक, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रिय अधिकारी,खनि अभियंता, तहसीलदार चित्तौड़गढ़ व बस्सी के साथ पुलिस उप अधीक्षक चित्तौड़गढ़ शहर व ग्रामीण को शामिल किया गया है।

कंपनी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पानी की आवश्यकता के लिए हाल ही निविदा जारी की थी जो करीब 45 करोड़ की है जो किसी झालावाड़ की फर्म के नाम पर स्वीकृत की गई। बताया गया है कि निविदा में उल्लेखित शर्तों के अनुसार फर्म को चित्तौड़गढ़ क्षेत्र में घाघसा, चैथपुरा व बनस्टी, भदेसर क्षेत्र में खोड़ीप, सोमादी, व आवरीमाता में बंद पड़ी खदानों में भरे पानी को टेंकरों के माध्यम से हिंदुस्तान जिंक कारखाने तक लाना था लेकिन फर्म ने यहां स्थित कुछ राजनेताओं को यह काम दे दिया जिन्होंने इन खदानों की बजाय बड़े पैमाने पर डार्क जोन घोषित जिंक कारखाने के आसपास चित्तौउ़गढ़ व बस्सी तहसील क्षेत्र स्थित निजि खातेदारी की जमीनों पर अवैध रूप से बिना अनुमति के नलकूप खुदवाकर वहां से पानी परिवहन करना शुरू कर दिया जिसकी ग्रामीणों व शहर के कई लोगों ने जिला कलेक्टर को शिकायतें दी थी।

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