एन्वार्यमेंटली पर्सिस्टंट फार्मास्युटिकल पॉल्युटंट्स (EPPPs) क्या है?

केमिकल्स हेल्थ केयर सेक्टर में महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनका उपयोग कीटाणुनाशक, क्लीनर, प्रयोगशाला अभिकर्मक, स्टेरिलेंट, कीटनाशक, फार्मास्यूटिकल्स के रूप में किया जा सकता है और इनका उपयोग चिकित्सा उपकरणों और उपकरणों में किया जाता है, पशु कल्याण को भी इनका बहुत बड़ा लाभ मिलता है। हालांकि, जब फार्मास्यूटिकल्स और केमिकल्स का उचित प्रबंधन नहीं किया जाता है, तो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बढ़ती मान्यता और चिंता बढ़ रही है। स्वास्थ्य सेवा वस्तुओं और सेवाओं की सतत खरीद के लिए दिशानिर्देश, यूएनडीपी, मार्च 2020 में इसको दर्शाया गया है।

यह देखते हुए कि फार्मास्यूटिकल्स जैविक रूप से सक्रिय पदार्थ हैं जो विशेष रूप से जीवित जीवों में फार्मोकोलॉजिकल प्रभाव पैदा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जब पर्यावरण की दृष्टि से उचित तरीके से उनका उपचार नहीं किया जाता है तो उनका वन्यजीवों और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।

एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडियेंट्स (एपीआई) दवाइयों में बायोलोजिकल एक्टिव तत्व होते हैं। ये एपीआई दवा कंपनियों को बेचे जाते हैं जो वैश्विक स्तर पर मरीजों के लिए अंतिम प्रोडक्ट बनाती हैं। दुनिया भर में लगभग 4,000 एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स प्रिस्क्रिप्शन दवाओं, ओवर-द-काउंटर चिकित्सीय दवाओं और पशु चिकित्सा दवाओं में दी जाती हैं।

केमिकल एवं वेस्ट मैनेजमेंट के परिप्रेक्ष्य से, इस क्षेत्र में पर्यावरण एवं स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं मुख्य रूप से पर्यावरण में फार्मास्यूटिकल्स के उत्सर्जन से संबंधित हैं।

अवशेषों को नदियों, झीलों और भूजल जलभृतों में छोड़ दिया जाता है। इसके अलावा, जब पशुपालन में इस्तेमाल किया जाता है और जहाँ खाद को फर्टिलाइज़र के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो पशु चिकित्सा दवाएँ मिट्टी और व्यापक पर्यावरण में छोड़ दी जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप मिट्टी का संदूषण होता है, और खाद्य फसलों में फार्मास्यूटिकल्स के प्रवेश के माध्यम से जैव आवर्धन होता है।

पर्यावरण में फार्मास्यूटिकल्स के उत्सर्जन के स्रोतों में ड्रग मेन्यूफेक्चरिंग, रोगी और पशुओं का मलमूत्र, जलकृषि तथा डिस्पोज़ल या एक्सपाइयर्ड फार्मास्यूटिकल्स के निपटान से होने वाला प्रत्यक्ष उत्सर्जन शामिल है।

यह दवा प्रतिरोध के विकास के लिए एक प्रेरक के रूप में कार्य करता है, जिससे एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों, विशेष रूप से बैक्टीरिया के लिए पर्यावरण ‘भंडार’ बनते हैं। जिसे वैश्विक स्तर पर दवा प्रतिरोधी संक्रमणों से निपटना विषय पर आधारित जिम ओ’नील की अध्यक्षता में एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध पर समीक्षा की अंतिम रिपोर्ट और सिफारिशें के तौर पर उल्लेखित किया गया है। फार्मास्यूटिकल्स के पर्यावरणीय अवशेषों के सबसे महत्वपूर्ण प्रभावों में से एक एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) का विकास है।

एन्वार्यमेंटली पर्सिस्टंट फार्मास्युटिकल पोल्यूटेंट्स (ईपीपीपी) क्या हैं?

मानव या पशु के शरीर से गुजरने के दौरान रासायनिक क्षरण का प्रतिरोध करने के लिए धीरे-धीरे विघटित होने योग्य या यहां तक ​​कि गैर-विघटनशील होने के लिए डिज़ाइन किए गए फार्मास्यूटिकल्स पर्यावरण में प्रवेश करने, बने रहने या फैलने पर विशेष जोखिम पेश करते हैं। ऐसे पदार्थों को पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी फार्मास्युटिकल प्रदूषक यानी एन्वार्यमेंटली पर्सिस्टंट फार्मास्युटिकल पोल्यूटेंट्स  (ईपीपीपी) कहा जाता है।

पर्यावरण में छोड़े जाने पर, एन्वार्यमेंटली पर्सिस्टंट फार्मास्युटिकल पोल्यूटेंट्स की जैविक गतिविधि गैर-लक्ष्य जीवों, जैसे वन्यजीवों पर सीधे प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य और लचीलेपन पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है। उत्तरार्द्ध प्रजनन क्षमता पर जनसंख्या-स्तर के प्रभावों के माध्यम से होता है, जो गैर-लक्ष्य जीवों की भावी पीढ़ियों में बना रहता है।

एन्वार्यमेंटली पर्सिस्टंट फार्मास्युटिकल पॉल्युटंट्स व्यापक रूप से और तेजी से उपभोक्ता उत्पादों में उपयोग किए जा रहे हैं। हालांकि, इन प्रदूषकों के पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जानकारी का बड़ा अंतर बना हुआ है।

फार्मास्यूटिकल्स ईन एन्वार्यमेंटल: स्ट्रेटेजिक एप्रोच टु इंटरनेशनल केमिकल्स मेनेजमेंट (SAICM) के तहत वैश्विक घटना और संभावित सहकारी कार्रवाई में वर्ष 2016 में, एन्वार्यमेंटली पर्सिस्टंट फार्मास्युटिकल पॉल्युटंट्स (जिसमें एंटीबायोटिक्स, दर्दनाशक दवाएं, लिपिड कम करने वाली दवाएं, एस्ट्रोजेन और अन्य शामिल हैं) की पर्यावरणीय सांद्रता को मापने वाले अध्ययनों की वैश्विक साहित्य समीक्षा में 71 देशों के पर्यावरण में कुल 631 विभिन्न औषधियों या उनके परिवर्तन उत्पादों का पता चला; इनमें से 16 का पता सभी पांच संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रों में चला।

एन्वार्यमेंटली पर्सिस्टंट फार्मास्युटिकल पॉल्युटंट्स की समस्या से निपटने के लिए क्या किया जा रहा है?

अध्ययनों के परिणामस्वरूप और बढ़ती चिंता के साथ, ‘ एन्वार्यमेंटली पर्सिस्टंट फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स’ (EPPP) को 2015 में रसायन प्रबंधन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICCM 4) के चौथे सत्र में एक उभरती हुई नीतिगत समस्या के रूप में नामित किया गया था। हितधारकों ने नीति निर्माताओं और हितधारकों के बीच जागरूकता और समझ बढ़ाने और पहचाने गए ज्ञान अंतराल को भरने के लिए जानकारी उत्पन्न करने और साझा करने के लिए सहकारी कार्रवाई को लागू करने का संकल्प लिया गया। संकल्प में सरकारों को सुसंगत और साक्ष्य-आधारित सहायता प्रदान करने के लिए रसायनों के सुदृढ़ प्रबंधन के लिए साउंड मैनेजमेंट ऑफ केमिकल्स (IOMC) एजेंसियों के बीच समन्वित दृष्टिकोणों का आह्वान किया गया है।

आईओएमसी में भाग लेने वाले प्रासंगिक संगठनों में से एक के रूप में यूएनईपी इस विषय पर काम कर रहा है। एन्वार्यमेंटली पर्सिस्टंट फार्मास्युटिकल पॉल्युटंट्स की जानकारी एकत्र करने और संकलित करने के लिए एक स्कोपिंग और मैपिंग अभ्यास विकसित किया जा रहा है, जिसमें उनके जीवन चक्र के विभिन्न चरणों में अपशिष्ट जल में उपस्थिति, अध्ययन और अभ्यास, लागू कानून, शामिल हितधारक और किए जा रहे कार्य शामिल हैं। यह एन्वार्यमेंटली पर्सिस्टंट फार्मास्युटिकल पॉल्युटंट्स की स्थिति को समझने के लिए आधार के रूप में काम कर सकता है। प्रारंभिक परिणामों ने ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान की है जहाँ ध्यान देने की आवश्यकता है। इन निष्कर्षों के आधार पर यूएनईपी अवांछित दवाओं, टिकाऊ खरीद मुद्दों और रोगाणुरोधी प्रतिरोध और पर्यावरण के लिए टेक-बैक कार्यक्रमों और पर्यावरण के अनुकूल निपटान पर शोध और कार्य पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

यूरोपीय कमीशन के सहयोग से, यूएनईपी टिकाऊ खरीद और टेक-बेक प्रावधानों, ईपीपीपी से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर अंतर विश्लेषण और दस्तावेज विकसित कर रहा है तथा विभिन्न हितधारकों के बीच जागरूकता बढ़ा रहा है और चर्चा को बढ़ावा दे रहा है।

ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिए ग्लोबल प्रोग्राम ऑफ एक्शन फॉर ध प्रोटेक्शन ऑफ द मरीन-एन्वार्यमेन्ट फ्रोम लेन्ड-बेज्ड एक्टिविटीज के अंतर्गत एक बहु-हितधारक अपशिष्ट जल पहल मौजूद है।

फार्मास्यूटिकल इन्डस्ट्री अत्यधिक नवोन्मेषी और प्रतिस्पर्धी है, और दवाइयों का उत्पादन और बिक्री तेजी से बढ़ रही है। फार्मास्युटिकल सप्लाई चेन इनिशिएटिव (PSCI) या एएमआर इंडस्ट्री अलायंस जैसी पहल इन मुद्दों से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाती है।

स्त्रोतः यूएनईपी 

 

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