बालोतरा में औद्योगिक प्रदूषण की भरमार.. प्रशासन की उदासीनता कब तक!?
- जल प्रदूषण जलीय स्रोतों सहित जलाशयो को भी कर रहा है प्रदूषित
- सीईटीपी फाउंडेशन और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उदासीनता के कारण बालोतरा की यह स्थिति हो गई है
राजस्थान का बालोतरा क्षेत्र अपनी टेक्सटाईल इन्डस्ट्री के लिए पहचाना जाता है, लेकिन इंडस्ट्रियल यूनिट्स द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के कारण यहां की वर्तमान स्थिति बद से बदतर हो गई है। यहां की हवा प्रदूषित हो रही है… जल प्रदूषण से जलीय स्रोतों सहित जलाशयो को भी प्रदूषित हो रही है।
बालोतरा औद्योगिक क्षेत्र की कई इकाइयों से रासायनिक प्रदूषित पानी खुली नालियों में बहता देखा जाता है। खुली नालियों से बहने वाला यह प्रदूषित पानी हरे रंग का होने के साथ काफी गाढ़ा और ठोस हो गया है, जिससे दुर्गंध भी आ रही है। जिन खुली नालियों में यह पानी बह रहा है, वे भी प्लास्टिक सहित कचरे के कारण जगह-जगह ब्लॉक हो गई हैं। यह खतरनाक रासायनिक प्रदूषित पानी स्थानीय लोगों, पशु-पक्षियों सहित पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है और कई बीमारियों को न्योता दे रहा है।
इसके अलावा यहां की कपड़ा इकाइयों की चिमनियां आसमान में धुआं छोड़कर हवा को प्रदूषित कर रही हैं। ये धुआं हवा में जहरीले तत्व मिला रहे हैं। ये काले धुएं फ्लाई ऐश के रूप में हवा में फैलते हैं और आवासीय क्षेत्रों या खेतों पर गिर सकते हैं। ऐसे में रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोग इसके संपर्क में आकर त्वचा, अस्थमा, कैंसर जैसी सांस संबंधी कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। दूसरी ओर, यह फ्लाई ऐश खेतों में गिरने से मृदा प्रदूषण फैलता है। इससे मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है, जिससे कृषि उत्पादन कम हो जाता है और अंततः किसानों को उनकी मेहनत के अनुरूप उपज नहीं मिल पाती है।
बालोतरा की यह स्थिति औद्योगिक प्रदूषण की गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है। औद्योगिक इकाइयों द्वारा छोड़े गये प्रदूषित पानी से सड़कें लबालब हो जाती है। नालों में जगह-जगह ब्लोकेज हैं, जिससे वे ओवरफ्लो हो रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों के बाहर रसायनयुक्त प्रदूषित पानी मिल रहा है, यह स्थिति पिछले कुछ महीनों से देखी जा रही है। लोग इस समस्या का जल्द समाधान चाहते हैं। लेकिन उनकी आवाज को कोई सुनने वाला नहीं है। सीईटीपी फाउंडेशन और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उदासीनता के कारण बालोतरा की यह स्थिति हो गई है। बालोतरा राजस्थान प्रदुषण नियंण बोर्ड के अधिकारियों को सीधा जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
पाली में भी वहीं हाल
तो यही स्थिति राजस्थान के दूसरे औद्योगिक क्षेत्र पाली में भी देखने को मिल रही है। यहां के औद्योगिक क्षेत्र में जगह-जगह कूड़े के ढेर नजर आते हैं। जिसमें रासायनिक कचरा भी देखने को मिलता है। ये कूड़े के ढेर जगह-जगह फैले हुए हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर रसायनयुक्त प्रदूषित पानी देखा जा रहा है। यहां वहां प्रदूषित पानी भरा हुआ देखने को मिल रहा है। इसके अलावा यहां की औद्योगिक इकाइयों की चिमनियां धड़ल्ले से काला धुआं उगल रही हैं। जिससे कई गंभीर स्थितियां पैदा हो रही हैं। बहरहाल, पाली में बांडी नदी में प्रदूषण का मुद्दा इस समय खूब चर्चा में है। कुछ प्रदूषण माफिया इस तरह से प्रदूषण फैलाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। दरअसल, इस प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए जिम्मेदार प्रशासन की उदासीनता देखने को मिल रही है। हालांकि, यह बहुत ज़रूरी है कि लोग इस स्थिति की गंभीरता के बारे में जागरूक हों।