जैन ने की एनजीटी के फैसले के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग

अजमेर: राजस्थान में अजमेर नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन ने अजमेर स्मार्ट सिटी योजना के तहत ऐतिहासिक आनासागर झील के चारों ओर पाथ वे निर्माण, सेवन वंडर निर्माण तथा अतिक्रमणो को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार से दोषी अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही की मांग की है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोनल बेंच भोपाल ने अशोक मलिक बनाम स्टेट ऑफ राजस्थान के प्रकरण पर अपना फैसला सुनाते हुए स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनाए गए पाथवे एंव सेवन वंडर को हटाने के आदेश दिए है। इस फैसले के बाद नीरज जैन ने सरकार से स्मार्ट सिटी पैसे का दुरुपयोग करने, भ्रष्टाचार के जरिए सेवन वंडर और पाथवे बनाने वाले अफसरों, अभियंताओं तथा ठेकेदारों के गठजोड़ पर कार्यवाही की मांग करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले का स्वागत किया है।

नीरज जैन ने ऐतिहासिक आनासागर झील के चारों ओर पाथवे तथा सेवन वंडर के निर्माण को सीधे सीधे विधि विरुद्ध और नियमों की अवहेलना बताते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी इस बारे में अनेकों बार शिकायत की तथा इस क्षेत्र में अवैध निर्माणों के कारण ही आज कॉलोनियों को मानसून में डूबने और जलभराव के कारण आमजन को परेशान होना पड़ रहा है।

इसी तरह पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने भी ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले का स्वागत करते हुए राज्य सरकार एवं अजमेर प्रशासन पर स्मार्ट सिटी के कार्यों में अजमेर के जनप्रतिनिधियों को दूर रखने का आरोप लगाया है।

उल्लेखनीय है कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में देश की सर्वाेच्च अदालत राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आनासागर के चारों ओर पाथवे तथा सेवन वंडर को हटाने के आदेश दिए है।

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